आपके टीनएजर्स बच्चे अगर इतने घंटे की नींद नहीं ले रहे तो हो सकती है उनको ये प्रॉब्लम्स, हो जाइए अभी से सावधान
टीन एज जीवन की सबसे नाजुक स्टेज, जी हां नाजुक इसलिए क्योंकि इस एज में बॉडी में कई हार्मोनल चेंज होते है। कभी तो वो बहुत खुश हो जाते है और कभी डिप्रेस्ड। कभी एग्जाम की टेंशन उन्हें सोने नहीं देती तो कभी लेट नाइट टीवी,कंप्यूटर पर मूवी देखने की आदत। जबकि हमारे बढ़ते बच्चों के लिए नींद बहुत जरूरी है ताकि अगले दिन सुबह ऊर्जा के साथ वो अपने दैनिक कार्य कर सकें इसके लिए उन्हें पर्याप्त नींद लेनी ही चाहिए। लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल ने उनके स्लीप साइकिल को बिगाड़ दिया है। यदि आपके टीनेजर्स बच्चे एग्जाम के प्रेशर के चलते या डिजिटल दुनिया में खोए रहने के चक्कर में प्रॉपर नींद नहीं ले पा रहे तो उनको हो सकते है कई नुकसान, इसलिए जान लें उनके लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है।
कितने घंटे की नींद है जरूरी
नींद यदि सही से पूरी न हो तो सारा दिन मन में बैचैनी, और चिडचिढ़ात रहती है। किसी काम में मन नहीं लगता न ही बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है। इसलिए आप एज ए पैरेंट बच्चों के सोने के टाइम पर जरूर ध्यान दें। 11 से 18 साल तक के बच्चों के लिए कम से कम 9 घंटे की नींद जरूरी है। वहीं 18 साल से 40 साल के लोगो के लिए 8 घंटे की नींद। ध्यान रहें ये नींद 6 घंटे से कम और 11 घंटे से ज्यादा भी नहीं होनी चाहिए।
कैसे समझे स्लीपिंग डिसऑर्डर को
आप स्लीपिंग डिसऑर्डर को इस तरह से समझ सकते है। यदि आपका बच्चा सुबह उठता है लेकिन खुद को थका हुआ फील कर रहा है या फिर 7,8 घंटे सो चुका है लेकिन उसे उठने का मन नहीं करता। दिन भर बस मन करता है कि टाइम मिलते ही सो जाएं, दिन भर जम्हाई आना ये सब सिमटम्स है कि आपका टीनेजर बच्चा स्लीपिंग डिसऑर्डर जूझ रहा है।
स्लीपिंग डिसऑर्डर से होने वाली परेशानियां
यदि आपके बच्चे की नींद पूरी नहीं हो रही या उसे गहरी नींद नहीं आ रही तो उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कम या ज्यादा नींद लेना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। इससे आपको मानसिक तनाव या डिप्रेशन हो सकता है, क्योंकि नींद न आने की स्थिति में हम विचार करने लगते है कई बातें।
नींद की कमी से दिन भर थकान महसूस होती है जिससे हमारा किसी काम में मन नहीं लगता।
नींद की कमी या अधिकता से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
नींद की कमी से हमारी मेमोरी पावर कम हो जाती है।
इससे हमारे डाइजेशन सिस्टम पर भी असर पड़ता है।
आपको शायद ये जानकर आश्चर्य हो पर ये सच है कि स्लीपिंग डिसऑर्डर की समस्या हमारे वजन को बढ़ाने में सहायक है।
पूरी नींद न लेने से हमारी रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता भी कम होती है। इसका सीधा असर हमारे इम्यूनिटी सिस्टम पर पड़ता है जिसके कारण कोई भी बीमारी हमें अपना शिकार आसानी से बना लेती है।
कई हार्मोनल समस्याएं विशेषकर लेडीज में देखने को मिलती है। जैसे थायराइड, पीसीओडी जैसी कई प्रॉब्लम्स लेडीज को घेर लेती है। क्योंकि ये सब समस्या स्ट्रेस की वजह से होती है और नींद की कमी से स्ट्रेस होता ही है। लेडीज में पीरियड्स भी अनियमित हो जाते है।
जब आपकी नींद पूरी नहीं होती तब इसका असर मस्तिष्क में पड़ता है और हमारी मेमोरी पावर कमजोर होने लगती है। हम चीजों को रख कर भूलने लगते है।
पूरी नींद से होने वाले फायदे
पूरी और अच्छी नींद लेना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है आपको इन बातों से पता लग ही जायेगा।
जब आप पूरी नींद लेंगे तब आप खुद महसूस करेंगे कि आप फ्रेश उठे है और हर काम अच्छे तरीके से कर पाएंगे।
अच्छी नींद लेने से हार्ट प्रॉब्लम्स नहीं होती। दिल मजबूत रहता है।
अच्छी नींद हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाती है और हम कम बीमार पड़ते है।
पूरी नींद लेने से हमारा केलोस्ट्रोल लेवल कंट्रोल में रहता है जिससे हमारा वजन नहीं बढ़ता।
अच्छी नींद का साफ असर हमारे फेस पर दिखता है। फेस चमकने लगता है और डार्क सर्कल भी नहीं आते।
पूरी नींद लेने से ब्लडप्रेशर कंट्रोल में रहता है और हार्मोनल इनबैलेंस भी नहीं होता।
तो आपने जाना न की हमारे टीन एजर बच्चे के लिए कितनी नींद जरूरी है और क्यों, तो आज से अपने बच्चे के ब्राइट फ्यूचर के लिए उसके स्लीपिंग पैटर्न पर ध्यान देना शुरू करें।