Nutmeg (जायफल) है एक करामाती पौधा। जानिये कैसे

जायफल बहुत ही करामाती मसाला है या ये कह सकते हैं कि करामाती औषधि है । इसकी उत्पत्ति इंडोनेशिया के मोलूकास द्वीप मानी जाती है। इसकी पैदावार भारत के साथ साथ कई देशों में भी होती है और इसका कच्चा फल जैम, जैली, अचार, कैंडी बनाने में यूज़ किया जाता है वहीं सूखा फल औषधि के रूप में यूज़ किया जाता है।इसका तना श्याम रंग का होता है जिसमें बाहर की तरफ छेद होते हैं और अन्दर लाल रंग का तरल पदार्थ होता है। इसके पत्तों का आकार लंबा होता है। इसके फूल छोटे-छोटे, बेहद खुशबूदार और पीले-सफेद रंग के होते हैं। इसका आकार गोलाकार, अण्डाकार होता है और जब इसका फल पकता है तो वो दो भागों में फट जाता है, जिसमें से जायफल निकलता है।

उपयुक्त मिट्टी और जलवायू

दोस्तों अगर आप इसका पेड़ उगाना चाहते हैं तो आप लाल और बलुई दोमट मिट्टी यूज़ कर सकते हैं और अगर जलवायू की बात करें तो इसकी पैदावार के लिए सर्दी और गर्मी दोनों ही तरह के मौसम की आवश्यकता होती है , इसलिये ध्यान रखें कि जब भी आपको ये पौधा लगाना हो तो तापमान 20 से 25 डिग्री के अंदर अंदर ही होना चाहिए जिससे पौधे का अंकुरण सही हो । उसके बाद इस पौधे को सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है।

कहाँ पाया जाता है जायफल

जायफल की खेती कई स्थानों पर की जाती है लेकिन भारत में इसके पेड़ 750 मीटर तक की ऊँचाई में मिलते हैं। इसके फूल और फल दिसम्बर से मई में आता है। जायफल विश्व में मलाया, प्रायद्वीप, सुमात्रा, जावा, सिंगापुर, श्रीलंका, वेस्टइडीज और दक्षिण और पूर्वी मोलूक्कास में मिलता है।

जायफल है गुणों की खान

जी हां दोस्तों कई प्रकार की बीमारियाँ जायफल से दूर होती है तो ऐसे जानते हैं कि इसका सेवन कैसे किया जाता है।

डाइजेस्टिव सिस्टम में है जायफल कारगर

डाइजेस्टिव सिस्टम की समस्या में झट से कोई दवाई न ले कर अगर आप थोड़ा सा जायफल घिस कर दूध के साथ लें तो आपकी पाचन संबंधी समस्या दूर हो जाएगी।

बच्चों के बल में वृद्धि करता

जी हाँ दोस्तो जायफल बच्चों को बलवान और स्वस्थ बनाता है। बस आप इसके चूर्ण को धीमी आंच में भूने और मिश्री को पीस कर उस चूर्ण में मिक्स कर दें। फिर बच्चे को दूध के साथ रोज़ कम से कम 1 से 2 ग्राम दें, आप देखेंगी की बच्चे में ताकत आएगी और वो बीमारियों से दूर रहेगा।

मुँह के छाले होते हैं ठीक

मुँह के छालों के लिए आपको बस करना ये है कि इसके रस को पानी में मिक्स करें और उससे कुल्ला करें तो आपके छाले झट से ठीक हो जाते हैं।

चेहरे के दाग धब्बे होते हैं उड़नछू

चेहरे के दाग धब्बे हटाने के लिए आप इसे पीस कर शहद में मिक्स करें और उसे अपने चेहरे में लगायें और सूखने के बाद मुँह धो लें , तो आपके दाग धब्बे कुछ दिन में कैसे गायब हो जाते हैं।

हाथ – पैर फटने से बचाता है

सर्दियो में आप जायफल को पानी के साथ घिस कर वो लेप हाथ पैर में लगाइए तो आपकी रूखी स्किन में आपको आराम मिलेगा।

दाँत दर्द में है फायदेमंद

दांत दर्द में जायफल के तेल को रुई के फाहे में लें और दर्द वाले दांत में लगाएं। ऐसा करने से आपको कुछ देर में राहत मिलेगी।

कान का दर्द होता है दूर

अगर आपके कान में दर्द है तो आप इसे पीस कर एक लेप तैयार करें और उसे कान के पीछे धीरे धीरे लगाएं , कुछ देर में आपको कान दर्द से राहत मिलेगी।

खाँसी भी होती है दूर

अगर आप खाँसी से ग्रसित हैं तो आप जायफल के चूर्ण में शहद मिला कर सेवन कर सकते हैं। आपको आराम मिलेगा।

गठिया में भी देता है आराम

अगर आपको गठिया की समस्या परेशान कर रही है तो आप इसके तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे गठिया में लाभ मिलता है ।

दस्त से देता है आराम

अगर आपको भी दस्त लग गए हों तो इसे घिस कर नाभि में लगाने से दस्त में राहत मिलती है और ये आप छोटे बच्चों में भी अपना सकती हैं।

एक बात हमेशा याद रखें कि इसकी अत्यधिक मात्रा हमें नुकसान पहुँचा सकती है इसलिए बिल्कुल थोड़ी ही मात्रा का उपयोग करें या किसी अच्छे चिकित्सक के पास जाएं और उसकी सलाह अनुसार ही जायफल का प्रयोग करें।

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