दोस्तों आज इस ब्लॉग में आप कुछ ऐसी 5 क्लाइंबर्स यानी कि बेल वाली सब्जियों के विषय मे जानेंगे जो आपकी हैल्थ के लिए बहुत इंपोर्टेंट हैं और इन सब्जियों को आप बड़ी ही आसानी से अपने किचिन गार्डन में लगा सकते हैं।
1.कुम्हड़ा या कद्दू
ये एक स्थलीय और द्विबीजपत्री पौधा है ।इसका तना लम्बा और कमजोर होता है। इसकी पत्तियाँ हरी, चौड़ी और वृत्ताकार होती हैं। इसका फूल पीले रंग का होता है और नर एवं मादा दोनों तरह का होता है। इसका फल लंबा या गोलाकार होता है। इसके फल के अन्दर काफी मात्रा में बीज पाये जाते हैं। इसका फल यानी कि कद्दू का वजन 4 से 8 kg तक हो सकता है।यह लगभग सब जगह पाया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको, भारत एंव चीन इसके सबसे बड़े उत्पादक देश हैं।
कद्दू से होने वाले लाभ
कद्दू हमारे शरीर मे बहुत ज्यादा फायदा देता है और इसका नियमित उपयोग करने से कई तरह की बीमारियां खत्म भी हो जाती हैं।
*दोस्तों कद्दू हृदयरोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है।
*ये कोलेस्ट्राल को कम करता है।
*पेट की कोई भी समस्या को जड़ से खत्म कर देते हैं।
*कद्दू खाने से डायबिटीज भी कंट्रोल रहती है।
*इसका रस भी स्वास्थ्य के लिए अमृत माना गया है।
किचन गार्डन में कैसे लगाएं कद्दू
दोस्तों सबसे पहले गमले में मिट्टी को भर लें और ऊपर से 3 इंच खाली छोड़ दें।फिर गमले की मिट्टी में बीचों-बीच कद्दू के बीज को 0.5-1 इंच की गहराई पर लगा दें। लगाए हुए बीजों को मिट्टी की पतली परत से ढंक दें।बीज लगाने के तुरंत बाद गमले की मिट्टी में धीरे धीरे पानी दें ताकि मिट्टी नम हो जाये।बीज लगाने के बाद अगर आप अच्छे से देखभाल करेंगे तो कद्दू के बीज 7 से 14 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं।
2.तोरई, तोरी या तुराई
दोस्तों ये भी एक लता ही है। इसे भारत के कुछ राज्यों में “झिंग्गी” या “झींगा” के नाम से भी जाना जाता है। शिवनगर, मिथिला और बिहार में इसे झिमनी के नाम से भी जाना जाता है। ये फाइबर एवं विटामिन्स से भरपूर एक पौष्टिक सब्जी है। ये देश के कई स्थानों में उगाई जाती है। इसके भी नर व मादा पुष्प होते हैं । नर पुष्प पहले और गुच्छों में लगते हैं ,जबकि मादा पुष्प अकेले ही लगते हैं। पुष्प का रंग चमकीला पीला एवं बेहद आकर्षक होता है। इसके फूल शाम 5 से 8 बजे के बीच खिलते है।
तोरई से होने वाले लाभ
तोरई भी हमारे शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने में सहायक है , आइये जानते हैं कैसे?
*वजन कम करने के लिए आप अपनी डाइट में तोरई की सब्जी को शामिल कर सकते हैं।
*अगर आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में तोरई की सब्जी को शामिल जरूर करें।
*अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए आप तोरई का सेवन कर सकते हैं।
*तोरई में एनाल्जेसिक और एंटीइंफ्लामेटरी गुण होते हैं जिसकी वजह से सिर दर्द में राहत मिलती है।
किचन गार्डन में कैसे लगाएं तोरई
घर में गमले में तोरई लगाने के लिए सबसे पहले जिस मिट्टी को गमले में डालना है उसे एक बार अच्छे से फोड़कर धूप में रख दें। फिर अगले दिन मिट्टी में खाद को अच्छे से मिक्स कर दें।अब गमले में मिट्टी को डालकर ठीक से ऊपर नीचे कर लें। इसके बाद लगभग 2 इंच गहरा बीज को दबा दें और ऊपर से पानी डाल दें। बीच बीच में कीटनाशक दवाई का छिड़काव करते रहें।
3.टमाटर
दोस्तों टमाटर का पौधा द्विबीजदली पौधा होता है। इसके पौधे में जड़ों का एक गुच्छा बनता है जो 2 मीटर की गहराई तक बढ़ता है। टमाटर की पत्तियां आमतौर पर संयुक्त प्रकार की होती हैं और इसके फूल पीले रंग के होते हैं, इसके फल छोटे, अंडाकार से लेकर गोल और चपटे आकार के होते हैं, जिसमें गेरुए रंग के बीज आता है।
टमाटर से होने वाले लाभ
टमाटर भी हमारे कई रोगों को दूर करने का रामबाण हैं आइये जानते हैं।
- टमाटर दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- टमाटर के रस के सेवन करने से शरीर के वजन और चर्बी को कम किया जा सकता है।
- टमाटर के सेवन से डाइबिटीज दूर होती है।
- हाई ब्लड प्रेशर में भी टमाटर का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
किचन गार्डन में कैसे लगाएं
दोस्तों अगर आप अपने किचन गार्डन को लाल लाल टमाटरों से सजाना चाहती हैं तो सबसे पहले आपको बड़े साईज का गमला लेना होगा। अब गमले में मिट्टी डालकर उसमें टमाटर के बीज डाल दें। थोड़े दिन बाद बीज अंकुरित होते दिखाई देंगे और फिर पौधा निकल आएगा। कुछ दिनों में टमाटर के फूल निकलेंगे और फिर टमाटर लदे हुए आपको दिखाई देने लगेंगे।
4.खीरा
दोस्तों सलाद के रूप में खीरे को विशेष रूप में पसंद किया जाता है और खीरा सलाद के साथ साथ व्रत, उपवास में भी खाया जाता है। खीरे से कई प्रकार की मिठाइयाँ भी तैयार की जाती है।
खीरे से होने वाले लाभ
- खीरा प्यास बुझाता है और शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
- खीरा त्वचा की जलन और टेनिंग को दूर करता है।
- खीरा आंखों को शीतलता प्रदान करता है।
- अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो रोजाना खीरा खाइए, ये कब्ज के लिए कारगर दवाई है।
किचन गार्डन में कैसे लगाएं खीरा
अगर आप घर पर गमले में खीरा उगाना चाहते हैं तो सबसे पहले बड़े आकार के गमले का चुनाव करना चाहिए। फिर गमले में खीरा लगने के लिए आपको मिट्टी, गोबर की खाद और बालू को आपस में मिक्स कर के गमले में डाल लेनी है।
इसके बाद गमले में भरे मिट्टी में किसी लकड़ी की सहायता से 4 से 5 लगभग 1 इंच गहरी छेद बना लें। अब इन छेदों में 1-1 बीज को डालकर मिट्टी से हलके हांथों ढक दीजिये और इन्हें ऐसी जगह पर रखें जहाँ धूप और छाँव दोनों ही पर्याप्त मात्रा में मिलती हों। कुछ ही दिनों में इनमे से बेल या लताएँ निकालनी शुरू हो जाती हैं और कुछ दिनों में फल भी आने लगते हैं।

5.मटर
दोस्तों मटर एक फूल धारण करने वाला द्विबीजपत्री पौधा है, जिसकी जडों में गांठे होती हैं। यह एक प्रकार का शाकीय पौधा है जिसका तना खोखला होता है और इसकी पत्तियाँ संयुक्त होती हैं। इसके फूल तितली के आकार के होते हैं और इसकी फली लम्बी, चपटी एवं अनेक बीजों वाली होती है। मटर के एक बीज का वजन लगभग ०.१ से ०.३६ ग्राम होता है।
हमारे शरीर में होने वाले फायदे
मटर हमारे शरीर से कई रोगों को दूर कर के हमें कई प्रकार से लाभ पहुंचाती है। आइये जानते हैं कैसे?
- मटर में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो वजन घटाने में मददगार होता है।
- मटर खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- मटर हृदय संबंधी विकारों को दूर करने में सक्षम होता है।
- मटर से आर्थराइटिस की समस्या से छुटकारा मिलता है।
किचन गार्डन में कैसे लगाएं मटर
दोस्तों अगर आप मटर को अपने किचन गार्डन की रौनक बनाना चाहती हैं तो हरे मटर को बड़े गमले में मिट्टी डाल कर दूर दूर बो दें। मटर के पौधों को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए लगभग 10 से 30° C तापमान की आवश्यकता होती है।लगभग 40 से 60 दिन बाद हरी मटर पूरी तरह से विकसित हो जाती है।
दोस्तों ये हैं हमारे किचन गार्डन में उगाने वाली क्लाइंबर्स, जो बड़ी ही आसानी से आपकी बगिया को रौशन कर सकते हैं और आप घर बैठे इनका सेवन कर के कई तरह की बीमारियों को दूर भगा सकते हैं।