कफ और कोल्ड ना करें परेशान बुजुर्गों को , ऐसे रखें उनका ख्याल

लगभग हर जगह कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में जब बच्चों और यंगस्टर्स की हालत खराब है तो बुजुर्गों की तो होगी ही। ज्यादा ठंड की वजह से बड़े बुजुर्ग घर से बाहर भी बहुत कम निकलते है। जिससे वो धूप के संपर्क में भी कम आते है। एक्टुली आज कल घर इतने ऊंचे बन गए है कि नीचे घरों तक धूप आना संभव नहीं हो पाता। और छत पर ऊपर जाकर धूप लेना बुजुर्गों के लिए संभव नहीं हो पाता। इस वजह से वो सर्दी के मौसम में जल्दी बीमार पड़ने लगते है। कैसे रखें बुजुर्गों का ख्याल कि वो कम से कम बीमार पड़े, आइए जानते है…..

रूम हो गर्म

हालांकि जो गर्माहट धूप से मिलती है वो घर के अंदर नहीं मिल सकती लेकिन बुजुर्गों को गरम रखना भी जरूरी है तो उनके रूम को हम गर्म रख सकते है ताकि उनको काफी हद तक आराम मिल सके। इसके लिए आप ब्लोअर या रूम हीटर कुछ देर के लिए दिन में तीन चार बार चला लें। यदि हीटर ऑक्सीजन बर्न न करने वाला हो तो बेस्ट। जब भी आप रूम हीटर या ब्लोअर चलाए हल्की से एक खिड़की खुली छोड़ दे या रूम का दरवाजा बंद न करें। यदि दिन में किसी खिड़की से उनके रूम में धूप आती है तो खोल कर रखे और शाम होते ही बंद कर दे ताकि कमरा गर्म बना रहे। ठंडी हवा से बुजुर्गों को बचा कर रखना जरूरी है।

जरूरी है थोड़ी एक्सरसाइज

सर्दी इतनी तेज पड़ रही है कि घर से निकलना मुश्किल है बुजुर्गों का ऐसे में मॉर्निंग वॉक तो दूर की बात है। लेकिन सर्दी के मौसम में यदि हाथ पैरों का मूवमेंट न हो तो हाथ पैर जाम भी हो सकते है। इसलिए घर पर ही उन्हें हल्के व्यायाम के लिए मोटिवेट करें। ताकि उनके हाथ पैर जाम न हो। क्योंकि जिनको गठिया की परेशानी है वो सर्दी में बहुत परेशान रहते है। इसलिए थोड़ा व्यायाम जरूरी है ताकि उनको तकलीफ ना हो।

मालिश से मिलेगा आराम

सर्दी में बुजुर्गों का शरीर चलता रहे इसकी लिए मालिश भी बहुत जरूरी है। मालिश से ब्लड सर्कुलेशन तेजी से होता है और उससे इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है। यदि धूप में बैठकर मालिश की जाए तो बहुत ही अच्छा। गरम सरसो के तेल की सीने में भी मालिश करें। इससे उनकी छाती में जमा कफ पिघलेगा और खांसी जुकाम में राहत मिलेगी। सर्दी में मौसम में अक्सर नाक भी बंद रहती है। ऐसे में रोजाना दस मिनट के लिए उनको स्टीम भी लेने दें। इससे उनकी बंद नाक तो खुलेगी ही साथ ही जमा कफ भी निकल जायेगा।

खान पान का भी रखें विशेष ध्यान

कहते है बुजुर्ग और बच्चे एक समान होते है। खाने में जो नखरे बच्चों के होते है एक समय के बाद बुजुर्गों में भी वही नखरे होने लगते है। सर्दियों में बुजुर्गों को ऐसी डाइट दें जो उन्हे अंदर से गर्म रखें। उनके खाने में अदरक, काली मिर्च, सौठ, अजवाइन, दालचीनी इनका प्रयोग करें। इसके अलावा गर्म सूप दें और सभी मौसमी फल भी उन्हे दें। एक बात जरूर ध्यान रखें कि इस मौसम में पानी पीना कम हो जाता है। तो पानी पीते रहें बुजुर्ग ये ध्यान देते रहे। पानी जब भी दें गुनगुना ही दें। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स, मूंगफली, मीठे में गजक ये सब भी आप दे सकती है। हर रोज गुड़ का सेवन जरूर करें। इसमें बहुत अधिक मात्रा में आयरन होता है जो सर्दियों में बहुत जरूरी है।

दवाइयां समय पर दें

वृद्धावस्था तक आते आते कई बीमारियां शरीर को घेर लेती है। इसलिए टाइम से दवाइयां लेना बहुत जरूरी है। सर्दी के मौसम में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि हार्ट से रिलेटेड प्रॉब्लम्स उभर कर आती है। तो ऐसे में में यदि आपके घर में कोई हार्ट पेशेंट है तो उसका खास ख्याल रखें। क्योंकि ठंड के मौसम में खून गाढ़ा हो जाता है जिससे ब्लड क्लोटिंग हो जाती है और इसी वजह से सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा होता है। इसलिए बुजुर्गों की दवाओं के मामले में कोई लापरवाही न करें।

इन बातों का रखें खास ख्याल

जब भी बुजुर्ग घर से बाहर जाएं वो अच्छी तरह से ऊनी कपड़े पहने हुए हों। ये भी ध्यान रखे कि कपड़े वॉटरप्रूफ भी हों।
हल्दी का दूध उन्हें जरूर पिलाएं ताकि उनकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रहें।
बुजुर्गों को प्राणायाम भी करवाएं ताकि वो तन और मन दोनों से स्ट्रॉन्ग रहें।
सर्दियों में विटामिन डी बहुत इंपोर्टेंट होता है तो बुजुर्गों के खाने में तो विटामिन डी युक्त भोजन हो ही साथ ही उन्हें धूप में भी एक घंटा जरूर बैठाएं।
एक बहुत जरूरी बात कि बुजुर्गों को गिरने से बचाएं। ठंड में तेज लगती है और एक बार यदि वो गिर गए और उनकी हड्डी टूट गई तो उम्र के मुताबिक जुड़नी मुश्किल है।

तो इस सर्द मौसम में रखिए आप भी अपने बुजुर्गों का ऐसे ध्यान। आपको उनका प्यार तो मिलेगा ही साथ ही मिलेंगी ढेर सारी दुआएं भी।

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